IIकर दुआ के तुझे मेरी लत ना लगेII
Ad lib
है शहर गलीया मोहल्ले हुस्नके कायल मेरे
मारे मारे फिर रहे हैं सैकड़ों घायलों मेरे
एक चिलमन हैं फकत जो उठनेकी ही देर है
या कयामत होश को बैठैगै कूच पागल मेरे
Mukhda1
जानलेवा जहरसी ये चाहत मेरी
कर दुआ के तुझे मेरी लत ना लगे
Mukhda2
हो ना जाए दिवानोंसी हालत तेरी
कर दुआ के तुझे मेरी लत ना लगे
Antara1
तीर नजरों की मेरी ना अभीतक है दवा
जब ये चल जाए वहीं होश हो जायै हवा
2
आजमाने की मुझे जिद ना कर जालीम यहां
एका आतिश हूँ मगर बस नजर आये धुआं
1
मेरी मदहोशी हैं कातीलजो भुला देती है मंजिल
2
मेरी हसरत में डूबे हैं होशवालोंके भी साहिल
मेरे रंगोमे जो ढल जाए न फिर हाए संभल पाए
जानलेवा जहरसी ये चाहत मेरी
कर दुआ के तुझे मेरी लत ना लगे।
2nd
1
जी नही पाएगा फिर मेरे जलवोके बिना
मेरी चाहतमे कहींतू ना हो जाए फना
2
होशवालोंका जहाँ तुझको ना देगा पनाह
आजकल चर्चे मेरे है जमाने मे गुनाह
1
उलझनों की मै बारीश हूँ मै तबाही की ख्वाहिश हूँ
2
राख कर देता है जो पलमे मै जिगर का वो आतिश हूँ
Sher
"जो करोगे दिल्लगी यूँ उम्र भर पछताओगे
कातिलाना शौक हूँ मै फिर उभर ना पाओगे"
मेरे रंगोमे जो ढल जाए न फिर हाए संभल पाए
जानलेवा जहरसी ये चाहत मेरी
कर दुआ के तुझे मेरी लत ना लगे।
पल मे है जहमत पल मे है रहमत
तुझपे ना तोहमत लगजाए
पल मे इबादत पल मे शहादत
तुझको ना आदत लगजाए
पलमे ये दावत पलमे अदावत
पलमे ये शामत हो जाये
पल मे शराफत पल मे शरारत
पल मे शहादतहो जाये
है शहर गलीया मोहल्ले हुस्नके कायल मेरे
मारे मारे फिर रहे हैं सैकड़ों घायलों मेरे
एक चिलमन हैं फकत जो उठनेकी ही देर है
या कयामत होश को बैठैगै कूच पागल मेरे
Mukhda1
जानलेवा जहरसी ये चाहत मेरी
कर दुआ के तुझे मेरी लत ना लगे
Mukhda2
हो ना जाए दिवानोंसी हालत तेरी
कर दुआ के तुझे मेरी लत ना लगे
Antara1
तीर नजरों की मेरी ना अभीतक है दवा
जब ये चल जाए वहीं होश हो जायै हवा
2
आजमाने की मुझे जिद ना कर जालीम यहां
एका आतिश हूँ मगर बस नजर आये धुआं
1
मेरी मदहोशी हैं कातीलजो भुला देती है मंजिल
2
मेरी हसरत में डूबे हैं होशवालोंके भी साहिल
मेरे रंगोमे जो ढल जाए न फिर हाए संभल पाए
जानलेवा जहरसी ये चाहत मेरी
कर दुआ के तुझे मेरी लत ना लगे।
2nd
1
जी नही पाएगा फिर मेरे जलवोके बिना
मेरी चाहतमे कहींतू ना हो जाए फना
2
होशवालोंका जहाँ तुझको ना देगा पनाह
आजकल चर्चे मेरे है जमाने मे गुनाह
1
उलझनों की मै बारीश हूँ मै तबाही की ख्वाहिश हूँ
2
राख कर देता है जो पलमे मै जिगर का वो आतिश हूँ
Sher
"जो करोगे दिल्लगी यूँ उम्र भर पछताओगे
कातिलाना शौक हूँ मै फिर उभर ना पाओगे"
मेरे रंगोमे जो ढल जाए न फिर हाए संभल पाए
जानलेवा जहरसी ये चाहत मेरी
कर दुआ के तुझे मेरी लत ना लगे।
पल मे है जहमत पल मे है रहमत
तुझपे ना तोहमत लगजाए
पल मे इबादत पल मे शहादत
तुझको ना आदत लगजाए
पलमे ये दावत पलमे अदावत
पलमे ये शामत हो जाये
पल मे शराफत पल मे शरारत
पल मे शहादतहो जाये
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